स्वतन्त्र मधेश गठबन्धन किसी मुल्क की बिभाजन करनेवाली संस्था नहीं है । यह शान्ति और अहिंसा के मुख्य सिद्धान्त पर आधारित मधेशियों की स्वतन्त्रता चाहनेवाला एक पवित्र, साफ सुथरा संगठन है । डा. राउत ईस संगठन के लिए मार्ग दर्शक हैं और हर स्वराजी स्वतन्त्र मधेश देश निर्माण में सहयोग करनेवाले 'मधेशी स्वयंसेवक' है ।
हम बस ईतना चाहते हैं कि हम पर हो रहे नेपाली शासन खत्म हो जाय । हमें नेपालियों से प्रेम और सदभाव है, हम चाहते हैं वही प्रेमभाव नेपाली लोग भी मधेशियों पर दिखाएँ । गान्धीजी नें भी बेलायतियों से कहा भारत छोड़ दो अर्थात भारत/भारतीय पर जो तुम्हारा शासन चल रहा है, वह छोड़ दो । गान्धीजी नें भारत का विभाजन नहीं चाहा बल्कि उनका साफ मकसद रहा था भारत पर बेलायतियों के जगह पर खुद भारतीय ही मिलकर अपना शासन चलाए ।
हम स्वराजी/मधेशी भी नेपालियों से उतना ही चाहते हैं । स्वतन्त्र मधेश गठबन्धन चाहती है : मधेश और मधेशियों पर हो रहे नेपाली शासन अन्त हो और उसके बदले मधेश पर हर मधेशी मिलकर खुद अपने से अपना शासन चलाए । यह बिभाजन कहाँ है ?
सभी जानते हैं: मेची से लेकर महाकाली पर्यन्त तक की तराई भुमि मधेश का औपनिवेशिक हीस्सा है । क्यूँकि यह भुमि कभी गोरखा के राजा द्रव्य शाह या नरभुपाल शाह अथवा पृथ्वी नारायण शाह के मातहत नहीं थी । गोरखा राज का सीमाना झापा और कंचनपुर तक फैली हुई नहीं थी । कथित एकिकरण कर्ता माने जानेवाले राजा पृथ्वी नारायण शाह किसी नेपाल देश के राजा नहीं थे, वे खुद सन् १७४३ में गोरखा के राजा नियुक्त हुए थे । क्या सन् १७४३ साल में झापा, सप्तरी, धनुषा, चितवन, कपिलबस्तु, बाँके, दांग, कंचनपुर की भुमि गोरखा या नेपाल अधिनस्थ थे ?
सभी जानते हैं: मेची से लेकर महाकाली पर्यन्त तक की तराई भुमि मधेश का औपनिवेशिक हीस्सा है । क्यूँकि यह भुमि कभी गोरखा के राजा द्रव्य शाह या नरभुपाल शाह अथवा पृथ्वी नारायण शाह के मातहत नहीं थी । गोरखा राज का सीमाना झापा और कंचनपुर तक फैली हुई नहीं थी । कथित एकिकरण कर्ता माने जानेवाले राजा पृथ्वी नारायण शाह किसी नेपाल देश के राजा नहीं थे, वे खुद सन् १७४३ में गोरखा के राजा नियुक्त हुए थे । क्या सन् १७४३ साल में झापा, सप्तरी, धनुषा, चितवन, कपिलबस्तु, बाँके, दांग, कंचनपुर की भुमि गोरखा या नेपाल अधिनस्थ थे ?
अगर नहीं, तो ईससे साफ स्पष्ट होती है कि सन् १७४३ पुर्व हमारी यह भुमि नेपाल या गोरखा में नहीं थी । छल, प्रपंच से संधी सम्झौते के मार्फत मधेशी से पुछे बगैर चोर की भाँती कब्जा किया गया भुमि से नेपाली शासन फिर्ता कराने की अभियान किस हीसाब से बिखण्डन होगा ? छल और प्रपंच से कब्जा किया गया जमीन वापस फिर्ता माँगना और उस भुमिके आदिबासियों पर जबरन दुसरों के द्वारा चलाए जा रहे शासन को खत्म कर खुद मधेशियों का शासन कायम करवाने का अभियान कैसे गलत हो सकता है?
स्वतन्त्र मधेश गठबन्धन द्वारा चलाए जा रहे मधेश देश निर्माण का यह अभियान स्वतन्त्रता अभियान है । आजाद़ी का अभियान है । मधेश मुक्ति का उत्कृष्ठ और गौरवशाली अभियान है । आईए सभी मिलकर संघर्ष करें और फिर से स्वतन्त्र मधेश देश का निर्माण करें ।
जय मधेश!
जय मधेश!
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