Wednesday, October 18, 2017

मधेशियों को क्या मिला ? सिर्फ गोली अाैर खुन की हाेली : - रामदेव यादव, भैरहवा ।




राजनीति मे न तो कोई स्थाई रुप से दुश्मन और न ही दोस्त होता है। समय और मुद्दो के साथ् साथ् राजनितीक समीकरण मे फेर वदल होता रह्ता है। ऐसे ही राजनितीक समीकरण फेर वदल के गोल चक्र मे मधेसी दल फसें हुए है। मधेस और मधेसियो का स्थाई राजनितीक मुद्दोको समाधान न होने देने के लिये नेपाल मे कुछ वाम घटक पार्टीयो के बिच चुनावी गठबन्धन हुवा है,जिसका बिरोध वाम पार्टीयो के अन्दर भी हो राहा है। 
पहाडे समुदाय द्वारा जो भी पार्टीया अभितक बनी है, चाहे ओ वामपन्थी पार्टीया हो या लोकतान्त्रिक पार्टीया हो , इन लोगो का एक ही मकसद है कि मधेशियो को कैसे राज्य सत्ता से दुर किया जाय तकि कालन्तर मे वो बिलिन हो जाय । यिन पार्टीयो का निती तो देखने मे अच्छा है पर नियत तो एकल सामुदायिक( पहाडे के ओर समर्पित ) है , मधेशियो को राज्य सत्ता से दुर और विलीन करने का इन लोगो का “मुख्य अन्तिरिक अघोषित निती चली आरही है।”
जैसे २०६२/६३ के मधेस बिद्रोह का पहला सम्झौता हो, दूसरा मधेस आन्दोलन का सम्झौता हो या तीसरा मधेस आन्दोलन का सम्झौता हो । अखिरकार मधेसीयो को मिला क्या ? सिर्फ गोलि अाैर खुन की हाेली , मधेस भू -भाग काे कैई टुकड़ों मे बाट देना, अनगरिक बना देना, जनसंख्या के अनुसार निर्वाचन क्षेत्र न देना , आदि इत्यादि उपलब्धिया छिन लेने के लिए आन्दोलन हुवा था ,क्या ?
नेपाल एक ऐसा पर-नर्भर राष्ट्र है जहाँ कुछ भी उत्पादन नही होता है। अपने बलबुते पे कुछ नही कर सकता, तभी यहाँ के नेतागण सहयोग जो देश देता उसी का ही अपमान करते नही थकते । जिस देश से हामारी अर्थिक, भासिक, धर्मिक, संस्कृतिक , वैवाहिक और राजनितीक चरीत्र मिलते है , हम उसी से दुश्मन के तरह व्यवहार करते आ रहे है और जिस से हामार कुछ नही मिलता हमारे राष्ट्रिय नेतागण उसी को सब कुछ मानते अा रहे हैं। 
देश की दशा और दिशा क्या होगा ? मुझे एक कहवात याद आ गई जो कहवात अगर हमारे राष्ट्रिय नेता अपने आप को आत्मनुसारण करे तो देश का सकारात्मक दिशा मिल सकती है । वो कहवात कुछ ऐसा है ” अपनो पे रहम और गैरो पे सितम” लेकिन ऐ कहवात का हमारे राष्ट्रिय नेतागन कुछ ऐसा उपयोग करने अपनी बहादुर ठान लेते है “अपनो पे सितम और गौरो पे रहम” । नेपाल देश मे रहे सभी जात जाती इस देश के नागरिक है तो सरकारी औवसर से मधेसी ,थारु और मुस्लिम वन्चित क्याें ? अगर ऐसा ही रहेगा तो क्या देश अखण्ड रह सकता है ?
देशको अखण्ड राख्ने कि जिम्मेवारी किस की ? शासक वर्ग कि शासित जनता ? इसका जवाव कौन देगा ? क्या ऐसा ही शासक वर्ग बहुसंख्यक मधेसि यो,थारुओ और मुसलमानओ को रज्य के मुलधार पे नही समेटा तो ,क्या यहाँ स्पेन के क्याटाेलोनिया और इराक के कुर्दिस्तन जैसा नही होगा ? इस लिए पुरा बिभेद और उपनिवेश मधेसी के उपर लादे गए को हटाए और देश को अखण्ड रखे क्युकी ” बिभेद और अखण्डता एक साथ अस्तित्व मे नही रह सकते ।” 
जय देश

Wednesday, October 11, 2017

मधेश के लिऐ जनमतसंग्रह क्याें नहीं ?- अब्दुल खानं


अब्दुल खानं | अाज पुरी दुनियाँ से तानाशाही का अन्त हाे चुका है। हिटलर अाैर माेसाेलुनी जैसे शासक अपनी सलतनत काे नही बचा सके जनता के अागे नतमष्तक हाेना पडा है। दुनिया भर से अाैपनिवेशिक हुकुमत की तखता निश्चित रुप से पलट चुकी है। समय के बदलाव के अनुसार वह लाेग भी बदले अाैर भारत अमरिका जैसे देशाे के उपर से अपने हुकुमत का ताज समेटना पडा। अाज समता,समानता अाैर जन-चाहना अनुरुप हुकुमताे कि लकिरें बन रही है। दुनियाँ लाेकतन्त्र अाैर सर्वभाैमिकता जन निहित हाेने पर विश्वस्त हाे रही है।

दुनियाँ का खतरनाक अाैर शक्तिशाली संगठन, अाईयस, अाईस जाे अपने मिशन के अलावा लाेकतन्त्र अाैर मानवता का काेई प्रवाह नही, जिसने देशाें के लकिर काे मिटाकर ईस्लामिक स्टेट निर्माण का खुवाब देखने वाला अाैर इराक जैसे देश के शासन काे नकार कर जनता

ने अलग कुर्दिसतान के लिऐ विना खाैफ जनमतसंग्रह का चुनाव कर लिया | स्पेन दुनियाँ की शक्तिशाली देशाे मे से एक है, वहांपर कैटाेलाेनिया की जनता ने जनमतसंग्रह कर सरकार भी घाेषणा कर चुका, वेलायत जैसे लाेकतान्त्रिक देश मे स्कटल्याण्ड के लिऐ वार वार जनमत संग्रह हाे जाता है, नेपाल मे निरदल, बहुदल ब्यवस्था के लिऐ भी जनमत संग्रह हुआ था ताे मधेश के लिऐ क्याें नही ? अाखिर मधेश सदियाें से साेषित, पिडित, अाैर अपमानित रहा है। हक अधिकार के लिऐ अनगिनत वीरों की कुरवानी अाैर महिलाअाें के मागं के सिन्दुर पाेछे गऐ हैं | शहिदाे के लास की सीढियाँ बनाकर लाेग सभासद अाैर मन्त्री ताे बन चुके है |

मन्त्री बनने के लिये अाज भी चुनाव पे चुनाव लडते जा रहे है, अर्बाै अरब लगानी कर सकते है, महिनाै महिना का नाकाबन्दी , सडक सदन मे अावाज उठा सकते है, ताे मधेश के लिऐ जनमतसंग्रह का अावाज क्याें नही उठाते ? क्या सही माने मे मधेश के नेताअाें मे नैतिकता नही है । या लालच के ठेकेदार है, यह लाेग, इस बिषय पर बहस हाेना जरुरी है ?

जब की माैजुदा संविधान विपरित राजतन्त्र अाैर हिन्दु राष्ट्र निर्माण हेतु जनमतसंग्रह की अावाज उठ रही हैं,नही हाेने पर अान्दोलन करने कि चेतावनी दी जा रही है। अाज पुरी दुनियाँ मे रह रहे मधेशी लाेग मधेश की अाजादी हेतु विभिन्न देशाे मे रहकर वहाँ से अावाज उठा कर सभा सम्मेलन कर रहे है | मधेश मे पुलिस प्रशासन के व्यापक दमन के वावजुद लाखाें की सभाऐं, नमुना जनमत संग्रह से लेकर हास्तक्षरिक अान्दोलन अाैर सैकडाे मधेशियाें पर देश द्राेह के मुकदमे चल चुके हैं जाे मधेश के लिऐ जनमतसंग्रह की माग कर रहे हैं, ताे मधेश अाजादी के लिऐ जन्मतसंग्रह क्याे नही ? यह सरकार मधेश की जनभावना काे क्याें नकार रही है ? जब की मधेश का भाैगाेलिक बनावट, भाषा, संस्कृति , मनाेविचार नेपाल से बिलकुल भिन्न अाैर अलग है। मधेश का अपना पुरातन ईतिहास भी रहा है। जिस की जानकारी कहीं भी शिक्षा के पाठ्यक्रम मे नही रखा गया है।

श्रोत : हिमालनी डट कम    । 

Sunday, October 8, 2017

मधेशमा "स्वतन्त्र मधेश गठबन्धन" सशक्त संगठनको रूपमा स्थापित, डा. सीके राउतलाई धन्यवाद - श्याम सुन्दर मण्डल

#आजाद़ी_नजिक छ
"स्वतन्त्र मधेश गठबन्धन"को आस्था, आदर्श र विचारले मधेशका बुद्धिजीवी र राजनैतिर रूपमा सचेत मधेशीहरूको विश्वास जबर्जस्त रूपमा आकर्षित गर्न सफल भएका छन । काँग्रेस एमालेको शासकीय शक्ति एवं कथित मधेशी दलहरूको छल, प्रपंच र भ्रमका बीच नेपाली साम्राज्य भित्रका ८ जिल्लामा असोज २ गते सम्पन्न स्थानीय निर्वाचनमा २१ लाख मतदाता मध्ये ३ लाख अधिकको मत हासिल गर्न सफल भएको छ । शासकीय तथा मधेशी भनिने दलहरूले खर्चेको करोडौं रकम, लोभ लालच, दारू, मांस आदिले अचेत मधेशी बाहेक सचेत मधेशीहरूको मतमाथि कुनै प्रभाव पार्न सकेन । सचेत मधेशीको मतहरूले कुनै लालच बिना स्वतन्त्र मधेशको एजेन्डालाई खुलेर वकालत गरेको छ । यो स्वतन्त्र मधेश निर्माणका लागि सुखद संकेत हो ।

अचेत मधेशीहरूका मत तान्न मेयर, मुखिया र अध्यक्षका उम्मीदवारहरूले लाखौं करोडों रकम खर्च गरेका छन । १४ वर्ष देखि माथि उमेर रहेका युवाहरूलाई परिचालित गर्न दारू, मांस र नास्ता-पानीमा समेत मोटो रकम खर्चिएका छन । स्वतन्त्र मधेश अभियानका विरूद्ध अनेकौं भ्रामक प्रचार गरी मतदातालाई प्रभावित गरिएको छ । मत-बदर गर्नु अनुचित हो, मत-बदरको कुनै मुल्य मान्यता छैन, यसको गिन्ती हुँदैन, मधेश स्वतन्त्र हुनै सक्दैन, स्वतन्त्रता अभियानमा लाग्नेहरूको जीवन सुरक्षित छैन जस्ता भ्रमहरू कमजोर र अचेत मतदाताहरूमा फैलाई "कोठली बाहर" मतदानका विरूद्ध जनमत तैयार पारियो । बावजुद यसका राजनैतिक रूपमा सचेत र स्वतन्त्र मधेश प्रति आस्थावान मधेशी बुद्धिजीवी, विद्यार्थी र युवाहरूको दृढ़तालाई भंग गर्न सकेन । सचेत मतहरू कोठली बाहिर परे र स्वतन्त्र मधेश गठबन्धनलाई मधेशमा सशक्त रूपमा स्थापित गराई छाड़े । डा. सीके राउत र नेतृत्व जो "कोठली बाहर मतदान अभियान" का सर्जक थिए, उनीहरू धन्यवादका पात्र हुन जसले स्वतन्त्र मधेशको विचारलाई नेपाली शासकको मन मस्तिष्कमा गहिरो छाप एवं चिन्ता जगाउन सफल बनाएका छन । मधेशी जनतामा स्वतन्त्र मधेश देश निर्माण प्रति आशा र विश्वास जगाउन सफल बनाएका छन । मधेशी नेता एवं दलहरूमा गुलामीको विचारले तिनीहरूको भविष्य संकटमा फँस्न सक्ने अवस्थाको संकेत गर्न सफल भएको छ ।
"कोठली बाहर" अभियानले मधेश देश निर्माणको परिस्थिति सहज र निकट हुँदै गएको शुभ संकेत गरेको छ । कोठली बाहर मतदान अभियानमा आफ्नो अमूल्य समय लगानी गरी भोक, प्यास, पैसा, पसिना, डर, धम्की, दबाव आदिको परवाह नगरी दिनरात एक गरी गाँव गाँव, नगर नगर, टोल टोल, घर-घर पुगी स्वतन्त्रता आन्दोलनलाई यस परिस्थितिमा पुर्याएको प्रति उच्च मुल्यांकन गर्दै धन्यवाद र आभार प्रकट गर्दछौं ।
"स्वराज संजीवनी अभियान जारी राखौ, मधेश देश निर्माणको महान लक्ष प्रति समर्पित बनौं !"
जय मधेश !!

Saturday, October 7, 2017

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सिरहा क्षेत्र नं १ बाट एमाले अध्यक्ष ओलीको नाम सिफारिस



अनलाईन सप्तरी  खबर , लहान । आगामी प्रतिनिधिसभा निर्वाचनमा सिरहा क्षेत्र नं १ बाट नेकपा (एमाले) अध्यक्ष केपी शर्मा ओलीको नाम सिफारिस भएको छ ।
एमाले क्षेत्रीय समितिको बैठकले क्षेत्र नं १ बाट सर्वसम्मतरुपमा अध्यक्ष ओलीको नाम सिफारिस भएको क्षेत्रीय अध्यक्ष रामदयाल यादवले जानकारी दिनुभयो ।
यस्तै एमालेको क्षेत्रीय कमिटीले प्रदेशसभा निर्वाचनका लागि प्रदेशसभा क्षेत्र नं १ बाट राजेन्द्र चौधरी र प्रदेशसभा क्षेत्र नं २ बाट अशोक यादवको नाम सिफारिस भएको एमाले सिरहाले जनाएको छ ।
प्रतिनिधिसभाका लागि चार निर्वाचन क्षेत्र कायम भएको सिरहाका अन्य तीन क्षेत्रमा भने उम्मेदवारको नाम सिफारिस हुन नसकेको एमाले जिल्ला अध्यक्ष प्रमोद यादवले जानकारी दिनुभयो ।
नयाँ संरचनाअनुसार कायम भएको सिरहा निर्वाचन क्षेत्र नं १ मा लहान नगरपालिकासहित सखुवा ननकारकट्टी गाउँपालिका, भगवानपुर गाउँपालिका, नवराजपुर गाउँपालिका, धनगढी नगरपालिकाको केही वडा र लक्ष्मीपुर पतारी गाउँपालिकाको केही वडा समेटिएको छ ।
मूलवासी पार्टी एमालेको सूर्य चिह्नबाट चुनाव लड्ने
अगामी मंसिरमा हुने प्रतिनिधिसभा तथा प्रदेशसभाको निर्वाचनमा मूलवासी मुक्ति पार्टीले नेकपा (एमाले) को चुनाव चिह्न (सूर्य)बाट चुनाव लड्ने भएको छ ।
एमाले र मूलवासी मुक्ति पार्टीबीच भएको सहमतिअनुसार मूलवासी मुक्ति पार्टीका उम्मेदवारले पनि ‘सूर्य’ चिह्न लिएर चुनाव लड्ने र चुनावपश्चात् मुक्ति पार्टी एमालेमा समावेश हुनेछन् ।
दुवै दलबीच अगामी प्रतिनिधिसभा निर्वाचनमा सप्तरी क्षेत्र नं ४ बाट मूलवासी मुक्ति पार्टीका अध्यक्ष मो इस्लाम सूर्य चिह्नबाट प्रत्यक्षतर्फ चुनाव लड्ने सहमति भएको नेकपा एमाले सप्तरीका अध्यक्ष गोविन्द न्यौपानेले जानकारी दिनुभयो ।

कांग्रेसका पूर्वक्षेत्रीय सचिवसहित दुई सय जना राजपामा प्रवेश


 
वीरगंज, २१ असोज । राष्ट्रिय जनता पार्टी नेपाल वीरगंज महानगर कमिटीद्वारा वीरगंजको बिर्ता बजारमा आयोजित पार्टी प्रवेश कार्यक्रममा नेपाली कांग्रेसका पूर्वक्षेत्रीय सचिवको नेतृत्वमा करिब दुई सय जना राजपा नेपालमा प्रवेश गरेका छन् ।
नवप्रवेशीहरुलाई प्रमुख अतिथि पार्टीका केन्द्रीय उपाध्यक्ष अधिवक्ता सुरेन्द्र कुर्मीले अबिर, माला लगाइ स्वागत गरेका थिए । स्थानीय नेता रत्न साह कानुको सभापतित्वमा सम्पन्न कार्यक्रमलाई केन्द्रिय सदस्य रम्भा मिश्रा, वीरगंज महानगर अध्यक्ष एवं विधायक पदका प्रत्यक्ष तर्फका सम्भावित उम्मेदवार ओमप्रकाश सरार्फ लगायतले सम्बोधन गरेका थिए ।
नगर उपाध्यक्ष सुरेश साह कानुले स्वागत मन्तव्य एवं नगर कोषाध्यक्ष संचालन गरेका कार्यक्रममा नगर सचिव संजय पटेल, युवा नेताहरू रिजिवी खालिद, राम कुमार लगायतको उपस्थित रहेको थियो ।
पार्टी प्रवेश गर्नेहरूमा जयदिप सरार्फ, अभिषेक गुप्ता, रमेश गोसाइ, राजाराम गोसाइ, गुर्देली गोसाइँ, आसमा खातुन, सायदा खातुन, प्रतिमा देवि गोसाइँ, बाल कृष्ण ताम्राकार, दिपेन्द्र ताम्राकार, इमरान खान, साजन खान, खुस्बु खातुन, नाजिर आलमलगायत करिब दुई सय जना विभिन्न पार्टी परित्याग गरि राजपा नेपालमा प्रवेश गरेका छन् ।

लहानबाट उम्मेदवार बन्न ओलीलाई सिरहा एमालेको आग्रह

२१ असोज, लहान । एमाले सिराहा जिल्ला कमिटीले अध्यक्ष केपी शर्मा ओलीलाई सिरहा १ बाट प्रतिनिधिसभा सदस्य निर्वाचन लड्न आग्रह गरेको छ ।

विपक्षी पार्टीहरुले ओलीलाई मधेस बिरोधी भनेर आरोप लगाएकाले जनताबाट आरोप खारेज गर्न सिरहामा आमन्त्रण गरिएको एमाले जिल्ला सचिव अशोक यादवले बताए ।
शुक्रबार राति सम्पन्न १ नम्बर क्षेत्रीय कमिटीले ओलीलाई सर्वसम्मत रुपमा उम्मेदवार सिफारिस गरेको छ । यद्यपि यो निर्णय हो वा आमन्त्रण गरिएको हो भन्ने बारेमा एमालेका स्थानीय नेताहरुले दुईथरी कुरा गरेका छन् ।
मधेस आन्दोलनको उद्गमथलो लहानमा हालै स्थानीय तह निर्वाचनमा एमालेले फराकिलो अन्तरले जितेकाले पनि मधेस बिरोधी भनेर आरोप खेपिरहेका अेालीलाई यहिँबाट उम्मेदवार सिफारिस गरेर जिल्ला पार्टीले सन्देश दिन खोजेको छ ।
सिरहा १ बाट प्रतिनिधिसभामा प्रत्यक्षतर्फ हालका सांसद रामचन्द्र यादव र अर्का नेता गंगा यादवले दाबी गरेका छन् । उनीहरुमध्ये एकजना समानुपातिकमा जाने सम्भावना छ । अध्यक्ष ओलीको नाममा सर्वसम्मति गरेर पठाएपछि केन्द्रले एकजनालाई प्रत्यक्ष र अर्कोलाई समानुपातिक दिने भएकाले पनि यस्तो निर्णय भएको केही कार्यकर्ताको दाबी छ ।
ओलीको नाम गृहजिल्ला झापा ५ बाटै सर्वसममत रुपमा आइसकेको छ । उनी झापाबाटै चुनाव लड्दैछन् ।
एमाले जिल्ला सचिव अशोक यादवले मधेसको विकासमा ओली प्रधानमन्त्री भएकै बेला सबैभन्दा बढि बजेट बिनियोजन भएकोले आफूहरुले चुनाव उठाउन खोजेको बताए ।
सिरहा १ अन्तर्गत पर्ने देशकै ठूलो लहान नगरपालिकामा हालै एमालेले जितेको छ । त्यस्तै यहि क्षेत्रमा पर्ने सखुवानान्करकट्टी गाउँपालिका पनि एमालेले जितेको छ ।
अन्य स्थानीय तहमा पनि एमाले बलियो रुपमा उपस्थित भएकाले यहाँ एमालेले यसपटक अध्यक्षको नाम चर्चामा ल्याएर आफ्नो पकड बढाउन खोजेको चर्चा पनि चलेको छ ।

लोकतन्त्रप्रतिको निष्ठामा प्रश्न नगर्न कांग्रेसलाई एमालेको चेतावनी


२१ असोज, काठमाडौं । प्रमुख विपक्षी नेकपा एमालेले वामपन्थी एकतालाई लिएर लोकतन्त्रप्रतिको निष्ठामाथि प्रश्न नगर्न नेपाली कांग्रेसलाई चेतावनी दिएको छ । साथै वाम एकतालाई देखाएर चुनाव नगर्ने खेलमा नलाग्न समेत सचेत गराएको छ ।
शनिबार धुम्बाराहीमा बसेको एमाले स्थायी कमिटी बैठकले माओवादीसँग भएको सहमति ऐतिहासिक भएको निष्कर्ष निकालेको छ । र, सहमति कार्यान्वयन गर्न लचिलो हुने निर्णय लिएको छ ।
आफूहरुको सहमति कांग्रेसविरुद्ध नभएको भन्दै एमालेले अराजनीतिक टिपप्णी नगर्न आग्रह गरेको छ । बैठकपछि एमाले सचिव प्रदीप ज्ञवालीले भने, ‘कतिपय पार्टी र नेताहरुको अभिव्यक्तिले उनीहरुभित्रको बेचैनी, अत्यासलाई अभिव्यक्त गरेको छ ।’
वाम एकता गर्ने आफूहरुको सहमतिलाई लोकतान्त्रमाथिको खतरा, अधिनायकवादको यात्रा, राजनीतिक अस्थिरता निम्त्याउने खेल भनेकोमा एमालेले आश्चर्य व्यक्त गरेको छ ।
सचिव ज्ञवालीले हचुवा र अराजनीतिक टिप्पणी नगर्न र लोकतन्त्रमाथिको निष्ठामा प्रश्न नउठाउन आग्रह गरे । उनले भने, ‘लोकतन्त्रप्रतिको निष्ठामाथि प्रश्न उठाउने गरी सर्वसत्तावाद/अधिनायकवाद आदि टिप्पणीलाई उनीहरुमा आएको हतासा र विचलनका रुपमा लिएका छौं ।’
एमालेले माओवादीसँगको एकता सरकार ढाल्नका नभएको र यही सरकारले चुनाव गराउने प्रष्ट पारेको छ । तर, वामपन्थी एकताको नाममा सरकार परिवर्तन र सरकार परिवर्तनको नाममा चुनाव सार्ने प्रयास नगर्न पनि कांग्रेसलाई चेतावनी दिएको छ ।
निर्वाचन कार्यक्रम शुरु भइसकेको र निर्वाचन आयोगले चेतावनी दिइसकेकाले मन्त्रिपरिषद हेरेफर स्वीकार्य नहुने पनि एमालेले प्रष्ट पारेको छ ।
बैठकमा बामपन्थी एकताको समिक्षा गर्नुका साथै हालसम्मका निर्णयहरु अनुमोदन गरिएको स्थायी कमिटी सदस्य किरण गुरुङले बताए ।

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